धन तेरस
धन तेरस
पांच दिनों तक चलने वाले पर्वों के पुन्ज दीपावली की शुरुआत धन तेरस से होती है और भाई दूज के दिन समापन होता है धन तेरस को धन त्रयोदशी भी कहते हैं धन्न्तेरस का त्योहार हिन्दू पंचाग के अनुसार कार्तिक बदी १३ को मनाया जाता है इस वर्ष धन तेरस ३ नवम्बर २०१० बुधवार को मनाई जायेगी
जिस प्रकार देवीलक्ष्मी सागर मंथन से उत्पन्न हुई थी उसी प्रकार भगवान धनवन्तरि भी अमृत कलश के साथ सागर मंथन से उत्पन्न हुए हैं। देवी लक्ष्मी हालांकि की धन देवी हैं परन्तु उनकी कृपा प्राप्त करने के लिए हमको स्वस्थ्य और लम्बी आयु भी चाहिए यही कारण है दीपावली की दो दिन पहले से ही यानी धनतेरस से ही दीपामालाएं सजने लगती हें।
कार्तिक कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि के दिन ही भगवान धन्वन्तरि का जन्म हुआ था इसलिए इस तिथि को भगवान धन्वन्तरी के नाम पर धनतेरस कहते है । धन्वन्तरी जब प्रकट हुए थे तो उनके हाथो में अमृत से भरा कलश था। भगवान धन्वन्तरी चुकि कलश लेकर प्रकट हुए थे इसलिए ही इस अवसर पर बर्तन खरीदने की परम्परा है। यह यह तो सर्व विदित है कि भग्वान धन्वन्तरी देवताओं के वैद्य हैं और चिकित्सा के देवता माने जाते हैं इसलिए चिकित्सकों के लिए धनतेरस का दिन बहुत ही महत्व पूर्ण होता है। आज भी कई डाक्टर अपने अस्पताल का नाम धन्वन्तरी चिकित्सालय रखते है धनतेरस के दिन दीप जलाककर भगवान धन्वन्तरि की पूजा करें। भगवान धन्वन्तरी से स्वास्थ और सेहतमंद बनाये रखने हेतु प्रार्थना करें।
ऐसा माना जाता है कि इस दिन धन (वस्तु) खरीदने से उसमें 13 गुणा वृद्धि होती है। धनतेरस के दिन चांदी खरीदने की भी प्रथा है। इसके पीछे यह कारण माना जाता है कि यह चन्द्रमा का प्रतीक है जो शीतलता प्रदान करता है और मन में संतोष रूपी धन का वास होता है। संतोष को सबसे बड़ा धन कहा गया है। जिसके पास संतोष है वह स्वस्थ है सुखी है और वही सबसे धनवान है। लोग इस दिन ही दीपावली की रात लक्ष्मी गणेश की पूजा हेतु मूर्ति भी खरीदते हें।मैने अनुभव से देखा है कि इस दिन लोग सोना खरीदना भी पसन्द करते है परन्तु लक्ष्मी चन्चला होने से सोना खरीदना शुभ नही माना गया है क्योकि सोने को लक्ष्मी का ही रूप ही माना गया है अतः मेरे खयाल से सोने की बजाय चान्दी या पीतल के बर्तन खरीदना ज्यादा शुभ होता है
कथा
धन तेरस के पीछे एक लोक कथा है, किसी समय में एक राजा थे जिनका नाम हेम था। दैव कृपा से उन्हें पुत्र रत्न की प्राप्ति हुई। ज्योंतिषियों ने जब बालक की कुण्डली ब्नाकर राजा को बताया कि जिस दिन इस बालक का विवाह होगा उसके ठीक चार दिन के बाद वह मृत्यु को प्राप्त होगा। राज इस बात को जानकर बहुत दुखी हुआ और राजकुमार को ऐसी जगह पर भेज दिया जहां किसी स्त्री की परछाई भी न पड़े। दैवयोग से एक दिन एक राजकुमारी उधर से गुजरी और दोनों एक दूसरे को देखकर मोहित हो गये और उन्होंने गन्धर्व विवाह कर लिया।विवाह के चार दिन बाद यम दूत उसके प्राण लेने आ पहुंचे। जब यमदूत राजकुमार के प्राण ले जा रहे थे तो उस नव विवाहिता पत्नी का विलाप सुन कर दूतों का मन पसीज गया और उन्होने यमराज से कोई एसा उपाय पूछा जिससे मनुष्य अकाल मृत्यु से बच जाये ,दूत के इस प्रकार अनुरोध करने से यमदेवता बोले , अकाल मृत्यु तो कर्म की गति है इससे मुक्ति का एक आसान तरीका मैं तुम्हें बताता हूं सो सुनो। कार्तिक कृष्ण पक्ष की रात जो प्राणी मेरे नाम से पूजन करके दीप माला दक्षिण दिशा की ओर भेट करता है उसे अकाल मृत्यु का भय नहीं रहता है । यही कारण है कि लोग इस दिन घर से बाहर दक्षिण दिशा की ओर दीप जलाकर रखते हैं।
इसके अलावा सांय काल के समय एक दीपक तेल से भरकर प्रज्वलित करे और गन्धादि से पूजन करके अपने मकान के द्वार पर अन्न की ढेरी पर रखे स्मर्ण रहे यह दीपक रात भर बुझना नही चाहिये. ऐसा करने से पूरे वर्ष भर शुभ ही शुभ होता है
बैसे तो धन तेरस का पूरा दिन ही शुभ होता है परन्तु इस दिन कुछ काल ऐसाभी है जिसमे विशेष राशि वाले व्यक्ति अगर विषेश वस्तु की खरी्ददारी करे तो पूरे वर्ष भर लाभ होता है निम्न तालिका से कोई भी व्यक्ति यह जान सकता है कि उसे धन तेरस के दिन कौन सी वस्तु किस समय मे खरीदनी चाहिये,
राशि खरीदी जाने वाली वस्तुओ के नाम खरीद दारी का उत्तम समय
मेष और वृश्चिक लाल और पीली रंग की धातु तांवा और पीतल अभिजित महुरत ११४३ से १२१५ मकर लग्न ११५९ से १३०७ तक शाम को १८०० से २१००
मिथुन और कन्या हरे रग की वस्तुये, पीतल, शाम १७०० बजे से १८०० और १९०० बजे से२१३० तक
कर्क राशि चान्दी , सफेद रंग की वस्तुये, कांसा पूर्वाह्न १०३० से ११ बजे दोपहर अभ्जित तथा शाम १८०० लाभ चौघडिया में
सिंह सुनहरी रंग की चीजे जैसे पीतल के वर्तन, अभिजित महुरत,और शाम १८०० से २१००
तुला और वृष हीरे, सफेद रंग की वस्तुये कासे के बर्तन दोपहर अभिजित तथा शाम १७३० से १८३० एवम १९४५ से २२००
मकर और कुम्भ वाहन , स्टील के बर्तन, दोपहर अभिजत तथा शाम १८०० से २२०० तक